सन्मतिसूत्र: Difference between revisions
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<span class="HindiText">आचार्य सिद्धसेन दिवाकर (वि.625) द्वारा रचित तत्त्वार्थ विषयक संस्कृत भाषाबद्ध | <span class="HindiText">आचार्य सिद्धसेन दिवाकर (वि.625) द्वारा रचित तत्त्वार्थ विषयक संस्कृत भाषाबद्ध ग्रंथ। यह दिगंबर व श्वेतांबर दोनों को मान्य है। दिगंबराचार्यों ने अपने ग्रंथों में उसकी | ||
गाथाएँ अपनी बात की पुष्टि के अर्थ प्रमाण रूप से उद्धृत की हैं‒यथा कषायपाहुड़ 1/1-20/ गा.134-144/351-360। इस पर | गाथाएँ अपनी बात की पुष्टि के अर्थ प्रमाण रूप से उद्धृत की हैं‒यथा कषायपाहुड़ 1/1-20/ गा.134-144/351-360। इस पर श्वेतांबराचार्य श्री अभयदेव सूरि (ई.श.10) ने एक टीका लिखी है। (ती./2/212)।</span> | ||
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Revision as of 16:38, 19 August 2020
आचार्य सिद्धसेन दिवाकर (वि.625) द्वारा रचित तत्त्वार्थ विषयक संस्कृत भाषाबद्ध ग्रंथ। यह दिगंबर व श्वेतांबर दोनों को मान्य है। दिगंबराचार्यों ने अपने ग्रंथों में उसकी
गाथाएँ अपनी बात की पुष्टि के अर्थ प्रमाण रूप से उद्धृत की हैं‒यथा कषायपाहुड़ 1/1-20/ गा.134-144/351-360। इस पर श्वेतांबराचार्य श्री अभयदेव सूरि (ई.श.10) ने एक टीका लिखी है। (ती./2/212)।