सर्व संक्रमण निर्देश: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
(No difference)
|
Revision as of 16:38, 19 August 2020
सर्व संक्रमण निर्देश
1. सर्व संक्रमण का लक्षण
नोट - [अंत की फाली में शेष बचे सर्व प्रदेशों का अन्य प्रकृतिरूप होना सर्व संक्रमण है। क्योंकि इसका भागाहार एक है।]
गोम्मटसार कर्मकांड / जीवतत्त्व प्रदीपिका/413/576/10 चरमकांडकचरमफाले: सर्वप्रदेशाग्रस्य यत्संक्रमणं तत् सर्वसंक्रमणं णाम। = अंत के कांडक की अंत की फालि के सर्व प्रदेशों में से जो अन्य प्रकृतिरूप नहीं हुए हैं उन परमाणुओं का अन्यप्रकृति रूप होना वह सर्व संक्रमण है।