सुरमंजरी: Difference between revisions
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Revision as of 16:39, 19 August 2020
राजपुर नगर के सेठ वैश्रवण और उसकी स्त्री आम्रमंजरी की पुत्री । इसके पास चंद्रोदय नाम का तथा इसी नगर के कुमारदत्त सेठ की पुत्री गुणमाला के पास सूर्योदय नाम का चूर्ण था । जीवंधरकुमार ने दोनों चूर्णों में इसका चूर्ण श्रेष्ठ बताया था । यह जीवंधरकुमार पर मुग्ध हो गयी थी । माता-पिता ने इनके मनोगत भाव जानकर इसे जीवंधर के साथ विवाह दिया था । महापुराण 75.311, 348-357, 370-372