स्थानलाभक्रिया: Difference between revisions
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Revision as of 16:40, 19 August 2020
दीक्षान्वय क्रियाओं में एक क्रिया । इसमें किसी पवित्र स्थान में अष्टदल कमल अथवा समवसरण की रचना करके उपवासी को प्रतिमा के सम्मुख बैठाकर आचार्य उसके मस्तक का स्पर्श करता है और एच नमस्कार मंत्र के उच्चारण के साथ उसे श्रावक की दीक्षा देता है । महापुराण 39.37-44