अक्षौहिणी: Difference between revisions
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<p> सेना के 9 भेदों में एक भेद । यह सेना सर्वाधिक शक्ति संपन्न होती है । यह दस अनीकिनी सेनाओं के बराबर होती है । इसमें इक्कीस हजार आठ सौ सत्तर रथ और इतने ही हाथी, एक लाख नौ हजार तीन सौ पचास पदाति और पैसठ हजार छ: सौ दस अश्वारोही सैनिक होते हैं | <p> सेना के 9 भेदों में एक भेद । यह सेना सर्वाधिक शक्ति संपन्न होती है । यह दस अनीकिनी सेनाओं के बराबर होती है । इसमें इक्कीस हजार आठ सौ सत्तर रथ और इतने ही हाथी, एक लाख नौ हजार तीन सौ पचास पदाति, और पैसठ हजार छ: सौ दस अश्वारोही सैनिक होते हैं - <span class="GRef"> पद्मपुराण 56.3-13 </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 18.172-173 | </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण </span>में अक्षौहिणी के नौ हजार हाथी, नौ लाख रथ, नौ करोड़ अश्वारोही और नौ सौ करोड़ पदाति सैनिक बताये गये हैं - <span class="GRef"> हरिवंशपुराण </span>50.75-76</p> | ||
Revision as of 16:49, 20 September 2020
== सिद्धांतकोष से ==
सेना का एक अंग - देखें सेना ।
पुराणकोष से
सेना के 9 भेदों में एक भेद । यह सेना सर्वाधिक शक्ति संपन्न होती है । यह दस अनीकिनी सेनाओं के बराबर होती है । इसमें इक्कीस हजार आठ सौ सत्तर रथ और इतने ही हाथी, एक लाख नौ हजार तीन सौ पचास पदाति, और पैसठ हजार छ: सौ दस अश्वारोही सैनिक होते हैं - पद्मपुराण 56.3-13 पांडवपुराण 18.172-173 | हरिवंशपुराण में अक्षौहिणी के नौ हजार हाथी, नौ लाख रथ, नौ करोड़ अश्वारोही और नौ सौ करोड़ पदाति सैनिक बताये गये हैं - हरिवंशपुराण 50.75-76