क्षेम: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
== सिद्धांतकोष से == | == सिद्धांतकोष से == | ||
<span class="GRef"> धवला 13/5,5,63/8 </span><span class="PrakritText">मारीदि-डमरादीणमभावो खेमं णाम तव्विवरीदमक्खेमं।</span> =<span class="HindiText">मारी, ईति व राष्ट्रविप्लव आदि के अभाव का नाम क्षेम है। तथा उससे विपरीत अक्षेम है। (<span class="GRef"> भगवती आराधना / विजयोदया टीका 159/372/5 </span>)। </span> | |||
<noinclude> | <noinclude> |
Revision as of 12:59, 14 October 2020
== सिद्धांतकोष से == धवला 13/5,5,63/8 मारीदि-डमरादीणमभावो खेमं णाम तव्विवरीदमक्खेमं। =मारी, ईति व राष्ट्रविप्लव आदि के अभाव का नाम क्षेम है। तथा उससे विपरीत अक्षेम है। ( भगवती आराधना / विजयोदया टीका 159/372/5 )।
पुराणकोष से
(1) एक देश और इसी नाम का एक नगर । यहाँ जीवंधर ने हजार शिखरों के जैन मंदिर को देखा था । महापुराण 75.402-403, पद्मपुराण 6.68
(2) प्राप्त वस्तु की रक्षा । महापुराण 62.25