प्रतिलोम क्रम: Difference between revisions
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पंचाध्यायी / पूर्वार्ध/287 भाषा - सामान्य की मुख्यता तथा विशेष की गौणता करने से जो अस्ति-नास्तिरूप वस्तु प्रतिपादित होती है उसे अनुलोम क्रम कहते हैं । तथा विशेष की मुख्यता और सामान्य की गौणता करने से जो अस्तिनास्तिरूप वस्तु प्रतिपादित होती है उसे प्रतिलोम क्रम कहते हैं । | <span class="GRef"> पंचाध्यायी / पूर्वार्ध/287 </span>भाषा - सामान्य की मुख्यता तथा विशेष की गौणता करने से जो अस्ति-नास्तिरूप वस्तु प्रतिपादित होती है उसे अनुलोम क्रम कहते हैं । तथा विशेष की मुख्यता और सामान्य की गौणता करने से जो अस्तिनास्तिरूप वस्तु प्रतिपादित होती है उसे प्रतिलोम क्रम कहते हैं । | ||
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Revision as of 13:01, 14 October 2020
पंचाध्यायी / पूर्वार्ध/287 भाषा - सामान्य की मुख्यता तथा विशेष की गौणता करने से जो अस्ति-नास्तिरूप वस्तु प्रतिपादित होती है उसे अनुलोम क्रम कहते हैं । तथा विशेष की मुख्यता और सामान्य की गौणता करने से जो अस्तिनास्तिरूप वस्तु प्रतिपादित होती है उसे प्रतिलोम क्रम कहते हैं ।