मित्रनंदि: Difference between revisions
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<li> भगवती आराधना के कर्ता शिवकोटि आचार्य के गुरु थे। समय–ई.श.1 का पूर्व चतुर्थांश। ( भगवती आराधना/ प्र. 2-3/प्रेमी जी)। </li> | <li> भगवती आराधना के कर्ता शिवकोटि आचार्य के गुरु थे। समय–ई.श.1 का पूर्व चतुर्थांश। (<span class="GRef"> भगवती आराधना/ </span>प्र. 2-3/प्रेमी जी)। </li> | ||
<li> | <li> <span class="GRef"> महापुराण/59/ </span>श्लोक नं.–भरत क्षेत्र के पश्चिम विदेह क्षेत्र में यह एक राजा था।63। दीक्षा धारण कर अनुत्तर विमान में देव हुआ।70। </li> | ||
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Revision as of 13:01, 14 October 2020
- भगवती आराधना के कर्ता शिवकोटि आचार्य के गुरु थे। समय–ई.श.1 का पूर्व चतुर्थांश। ( भगवती आराधना/ प्र. 2-3/प्रेमी जी)।
- महापुराण/59/ श्लोक नं.–भरत क्षेत्र के पश्चिम विदेह क्षेत्र में यह एक राजा था।63। दीक्षा धारण कर अनुत्तर विमान में देव हुआ।70।