वय: Difference between revisions
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<p> प्रवचनसार / तात्पर्यवृत्ति/203/276/9 <span class="SanskritText">शुद्धात्मसंवित्तिविनाशकारिवृद्धवालयौवनोद्रेकजनितबुद्धिवैकल्परहितं वयश्चेति</span> = <span class="HindiText">शुद्ध आत्मा के संवेदन की विनाश करने वाली वृद्ध, बालक व यौवन अवस्था के उद्रेक से उत्पन्न होने वाली बुद्धि की विकलता से रहित वय होती है । </span></p> | <p><span class="GRef"> प्रवचनसार / तात्पर्यवृत्ति/203/276/9 </span><span class="SanskritText">शुद्धात्मसंवित्तिविनाशकारिवृद्धवालयौवनोद्रेकजनितबुद्धिवैकल्परहितं वयश्चेति</span> = <span class="HindiText">शुद्ध आत्मा के संवेदन की विनाश करने वाली वृद्ध, बालक व यौवन अवस्था के उद्रेक से उत्पन्न होने वाली बुद्धि की विकलता से रहित वय होती है । </span></p> | ||
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Revision as of 13:02, 14 October 2020
प्रवचनसार / तात्पर्यवृत्ति/203/276/9 शुद्धात्मसंवित्तिविनाशकारिवृद्धवालयौवनोद्रेकजनितबुद्धिवैकल्परहितं वयश्चेति = शुद्ध आत्मा के संवेदन की विनाश करने वाली वृद्ध, बालक व यौवन अवस्था के उद्रेक से उत्पन्न होने वाली बुद्धि की विकलता से रहित वय होती है ।