वैधर्म्य: Difference between revisions
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Revision as of 13:02, 14 October 2020
- सप्तभंगीतरंगिणी/53/3 –वैधर्म्यं च साध्याभावाधिकरणावृत्तित्वेन निश्चितत्वम्। = साध्य के अभाव के अधिकरण में जिसका अवृत्तित्व अर्थात् न रहना निश्चित हो उसको वैधर्म्य कहते हैं।
- उदाहरण का एक भेद–देखें उदाहरण ।