समवृत्ति: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<span class="SanskritText"> पंचास्तिकाय / तत्त्वप्रदीपिका/50 द्रव्यगुणानामेकास्तित्वनिर्वृत्तित्वादनादिरनिधना सहवृत्तिहिं समवर्तित्वम् ।</span> = | <span class="SanskritText"><span class="GRef"> पंचास्तिकाय / तत्त्वप्रदीपिका/50 </span>द्रव्यगुणानामेकास्तित्वनिर्वृत्तित्वादनादिरनिधना सहवृत्तिहिं समवर्तित्वम् ।</span> = | ||
<span class="HindiText">द्रव्य और गुण एक अस्तित्व से रचित हैं, इसलिए उनकी जो अनादि-अनंत सहवृत्ति (एक साथ रहना) वह वास्तव में समवर्तीपना है।</span> | <span class="HindiText">द्रव्य और गुण एक अस्तित्व से रचित हैं, इसलिए उनकी जो अनादि-अनंत सहवृत्ति (एक साथ रहना) वह वास्तव में समवर्तीपना है।</span> | ||
<p><span class="SanskritText"> पंचास्तिकाय / तात्पर्यवृत्ति/50/99/5 समवृत्ति: सहवृत्तिर्गुणगुणिनो: कथंचिदेकत्वेनादितादात्म्यसंबंध इत्यर्थ:।</span> =<span class="HindiText">समवृत्ति का अर्थ सहवृत्ति है, अर्थात् गुण-गुणी का एकत्वरूप से अनादि तादात्म्य संबंध समवृत्ति है।</span></p> | <p><span class="SanskritText"><span class="GRef"> पंचास्तिकाय / तात्पर्यवृत्ति/50/99/5 </span>समवृत्ति: सहवृत्तिर्गुणगुणिनो: कथंचिदेकत्वेनादितादात्म्यसंबंध इत्यर्थ:।</span> =<span class="HindiText">समवृत्ति का अर्थ सहवृत्ति है, अर्थात् गुण-गुणी का एकत्वरूप से अनादि तादात्म्य संबंध समवृत्ति है।</span></p> | ||
<noinclude> | <noinclude> |
Revision as of 13:02, 14 October 2020
पंचास्तिकाय / तत्त्वप्रदीपिका/50 द्रव्यगुणानामेकास्तित्वनिर्वृत्तित्वादनादिरनिधना सहवृत्तिहिं समवर्तित्वम् । =
द्रव्य और गुण एक अस्तित्व से रचित हैं, इसलिए उनकी जो अनादि-अनंत सहवृत्ति (एक साथ रहना) वह वास्तव में समवर्तीपना है।
पंचास्तिकाय / तात्पर्यवृत्ति/50/99/5 समवृत्ति: सहवृत्तिर्गुणगुणिनो: कथंचिदेकत्वेनादितादात्म्यसंबंध इत्यर्थ:। =समवृत्ति का अर्थ सहवृत्ति है, अर्थात् गुण-गुणी का एकत्वरूप से अनादि तादात्म्य संबंध समवृत्ति है।