सर्वनंदि: Difference between revisions
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<span class="HindiText">काशी नरेश सिंहवर्मा के समकालीन तथा प्राकृत गाथाबद्ध लोक विभाग नामक ग्रंथ के रचयिता। इस ग्रंथ का संस्कृत रूपांतर पीछे श्री सिद्धनंदि द्वारा ई.श.11 में किया गया है। समय -ई.458 (श.380); ( तिलोयपण्णत्ति/ प्र.6 A.N.UP.) (जै./2/7)।</span> | <span class="HindiText">काशी नरेश सिंहवर्मा के समकालीन तथा प्राकृत गाथाबद्ध लोक विभाग नामक ग्रंथ के रचयिता। इस ग्रंथ का संस्कृत रूपांतर पीछे श्री सिद्धनंदि द्वारा ई.श.11 में किया गया है। समय -ई.458 (श.380); (<span class="GRef"> तिलोयपण्णत्ति/ </span>प्र.6 A.N.UP.) (जै./2/7)।</span> | ||
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Revision as of 13:02, 14 October 2020
काशी नरेश सिंहवर्मा के समकालीन तथा प्राकृत गाथाबद्ध लोक विभाग नामक ग्रंथ के रचयिता। इस ग्रंथ का संस्कृत रूपांतर पीछे श्री सिद्धनंदि द्वारा ई.श.11 में किया गया है। समय -ई.458 (श.380); ( तिलोयपण्णत्ति/ प्र.6 A.N.UP.) (जै./2/7)।