अतिवेगा: Difference between revisions
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<p> विजयार्ध में दक्षिणश्रेणी के पृथिवीतिलकपुर अपर नाम धरणीतिलकनगर के राजा प्रियंकर अपर नाम अतिवेग की रानी इसका अपरनाम प्रियकारिणी था । <span class="GRef"> महापुराण 59, 239-242, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 27.91-92 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> विजयार्ध में दक्षिणश्रेणी के पृथिवीतिलकपुर अपर नाम धरणीतिलकनगर के राजा प्रियंकर अपर नाम अतिवेग की रानी इसका अपरनाम प्रियकारिणी था । <span class="GRef"> महापुराण 59, 239-242, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 27.91-92 </span></p> | ||
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Revision as of 16:51, 14 November 2020
विजयार्ध में दक्षिणश्रेणी के पृथिवीतिलकपुर अपर नाम धरणीतिलकनगर के राजा प्रियंकर अपर नाम अतिवेग की रानी इसका अपरनाम प्रियकारिणी था । महापुराण 59, 239-242, हरिवंशपुराण 27.91-92