अनावर: Difference between revisions
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<p id="1"> (1) प्रोषधोपवास व्रत का एक अतिचार । व्रत के प्रति आदर नहीं रखना यह इसका अतिचार है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 58.181 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1"> (1) प्रोषधोपवास व्रत का एक अतिचार । व्रत के प्रति आदर नहीं रखना यह इसका अतिचार है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 58.181 </span></p> | ||
<p id="2">(2) जंबूवृक्ष पर बने भवनों का निवासी एक देव । आदर नाम का देव भी इसी के साथ रहता है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5.181 </span></p> | <p id="2">(2) जंबूवृक्ष पर बने भवनों का निवासी एक देव । आदर नाम का देव भी इसी के साथ रहता है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5.181 </span></p> | ||
<p id="3">(3) सामायिक व्रत का अतिचार । सामायिक के प्रति आदर उत्साह न होने से सामायिक नहीं होता । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 58.180 </span></p> | <p id="3">(3) सामायिक व्रत का अतिचार । सामायिक के प्रति आदर उत्साह न होने से सामायिक नहीं होता । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 58.180 </span></p> | ||
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Revision as of 16:51, 14 November 2020
(1) प्रोषधोपवास व्रत का एक अतिचार । व्रत के प्रति आदर नहीं रखना यह इसका अतिचार है । हरिवंशपुराण 58.181
(2) जंबूवृक्ष पर बने भवनों का निवासी एक देव । आदर नाम का देव भी इसी के साथ रहता है । हरिवंशपुराण 5.181
(3) सामायिक व्रत का अतिचार । सामायिक के प्रति आदर उत्साह न होने से सामायिक नहीं होता । हरिवंशपुराण 58.180