अमितसेना: Difference between revisions
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<p> एक गणिनी । इसने पुष्करवरद्वीप में स्थित वीतशोक नगर क राजा चक्रध्वज की रानी कनकमालिका और उसकी दोनों पुत्रियों कनकलता और पद्मलता को उपदेश दिया था जिसके प्रभाव से वे तीनों मरकर प्रथम स्वर्ग मे देव हुई थी । <span class="GRef"> महापुराण 62.364-367 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> एक गणिनी । इसने पुष्करवरद्वीप में स्थित वीतशोक नगर क राजा चक्रध्वज की रानी कनकमालिका और उसकी दोनों पुत्रियों कनकलता और पद्मलता को उपदेश दिया था जिसके प्रभाव से वे तीनों मरकर प्रथम स्वर्ग मे देव हुई थी । <span class="GRef"> महापुराण 62.364-367 </span></p> | ||
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Revision as of 16:51, 14 November 2020
एक गणिनी । इसने पुष्करवरद्वीप में स्थित वीतशोक नगर क राजा चक्रध्वज की रानी कनकमालिका और उसकी दोनों पुत्रियों कनकलता और पद्मलता को उपदेश दिया था जिसके प्रभाव से वे तीनों मरकर प्रथम स्वर्ग मे देव हुई थी । महापुराण 62.364-367