अमोघविजया: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> मनोनुकूल रूप बदलने में सहायक, देवों को भी भयोत्पादिनी एक विद्या । यह विद्या नागराज ने रावण को दी थी, जिससे रावण ने लक्ष्मण को आहत किया था । <span class="GRef"> पद्मपुराण 9.201-214 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> मनोनुकूल रूप बदलने में सहायक, देवों को भी भयोत्पादिनी एक विद्या । यह विद्या नागराज ने रावण को दी थी, जिससे रावण ने लक्ष्मण को आहत किया था । <span class="GRef"> पद्मपुराण 9.201-214 </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> |
Revision as of 16:51, 14 November 2020
मनोनुकूल रूप बदलने में सहायक, देवों को भी भयोत्पादिनी एक विद्या । यह विद्या नागराज ने रावण को दी थी, जिससे रावण ने लक्ष्मण को आहत किया था । पद्मपुराण 9.201-214