चतुर्मुख: Difference between revisions
From जैनकोष
('भा.पा./टी./१४९/२९३/१२<span class="SanskritText"> चतुर्दिक्षु सर्वसभ्...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p class="HindiText">मगध की राज्य वंशावली के अनुसार यह राजा शिशुपाल का पुत्र था। वी.नि.१००३ में इसका जन्म हुआ था। ७० वर्ष की कुल आयु थी। ४० वर्ष राज्य किया। अत्यन्त अत्याचारी होने के कारण कल्की कहलाता था। हूणवंशी मिहिर कुल ही चतुर्मुख था। समय–वी.नि.१०३३-१०७३ (ई.५०६-५४६)।– देखें - [[ इतिहास#3.2 | इतिहास / ३ / २ ]],४।</p> | |||
<p><table class="NextPrevLinkTableFormat"><tr> | <p><table class="NextPrevLinkTableFormat"><tr> | ||
<td class="NextRowFormat">[[ | <td class="NextRowFormat">[[चतुर्मुख | Previous Page]]</td> | ||
<td class="NextRowFormat" style="text-align: right">[[चतुर्मुख | Next Page]]</td> | <td class="NextRowFormat" style="text-align: right">[[चतुर्मुख देव | Next Page]]</td> | ||
</tr></table></p> | </tr></table></p> | ||
[[Category:च]] | [[Category:च]] |
Revision as of 23:44, 11 March 2013
मगध की राज्य वंशावली के अनुसार यह राजा शिशुपाल का पुत्र था। वी.नि.१००३ में इसका जन्म हुआ था। ७० वर्ष की कुल आयु थी। ४० वर्ष राज्य किया। अत्यन्त अत्याचारी होने के कारण कल्की कहलाता था। हूणवंशी मिहिर कुल ही चतुर्मुख था। समय–वी.नि.१०३३-१०७३ (ई.५०६-५४६)।– देखें - इतिहास / ३ / २ ,४।
Previous Page | Next Page |