अविपाकजा: Difference between revisions
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<p> सविपाक और अविपाक के भेद से निर्जरा के दो भेदों में दूसरा भेद । उदय में अप्राप्त कर्मों की तपश्चरण आदि उपायों से समय से पूर्व उदीरणा द्वारा की गयी कर्मों की निर्जरा । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 58.293, 295, </span><span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 11.81 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> सविपाक और अविपाक के भेद से निर्जरा के दो भेदों में दूसरा भेद । उदय में अप्राप्त कर्मों की तपश्चरण आदि उपायों से समय से पूर्व उदीरणा द्वारा की गयी कर्मों की निर्जरा । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 58.293, 295, </span><span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 11.81 </span></p> | ||
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Revision as of 16:51, 14 November 2020
सविपाक और अविपाक के भेद से निर्जरा के दो भेदों में दूसरा भेद । उदय में अप्राप्त कर्मों की तपश्चरण आदि उपायों से समय से पूर्व उदीरणा द्वारा की गयी कर्मों की निर्जरा । हरिवंशपुराण 58.293, 295, वीरवर्द्धमान चरित्र 11.81