अवंति: Difference between revisions
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<p>मालवा नरेश थे। प्रद्योत आपका अपर नाम था। अवंती या उज्जैनी राजधानी थी। आप प्रसिद्ध राज पालकके पिता थे जो वीर निर्वाणके समय राज्य करते थे। तदनुसार आपका समय वी. नि. पू. 33-0 (ई.पू.560-670) आता है - देखें [[ इतिहास#3.4 | इतिहास - 3.4]]।</p> | <p>मालवा नरेश थे। प्रद्योत आपका अपर नाम था। अवंती या उज्जैनी राजधानी थी। आप प्रसिद्ध राज पालकके पिता थे जो वीर निर्वाणके समय राज्य करते थे। तदनुसार आपका समय वी. नि. पू. 33-0 (ई.पू.560-670) आता है - देखें [[ इतिहास#3.4 | इतिहास - 3.4]]।</p> | ||
<p>( हरिवंश पुराण सर्ग 60/488); ( कषायपाहुड़ पुस्तक 1/प्र.51/पं. महेंद्र कुमार)</p> | <p>( हरिवंश पुराण सर्ग 60/488); ( कषायपाहुड़ पुस्तक 1/प्र.51/पं. महेंद्र कुमार)</p> | ||
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<p> एक विषय (देश) । इस देश को रचना इंद्र ने की थी । विहार करते हुए वृषभदेव यहाँ आये थे । भरतेश के सेनापति ने इस देश को अपने अधीन किया था । इसका दूसरा नाम उज्जयिनी था । <span class="GRef"> महापुराण 16.143-152, 25.287, 29.40, 71.206, </span><span class="GRef"> पद्मपुराण 33.138,145 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> एक विषय (देश) । इस देश को रचना इंद्र ने की थी । विहार करते हुए वृषभदेव यहाँ आये थे । भरतेश के सेनापति ने इस देश को अपने अधीन किया था । इसका दूसरा नाम उज्जयिनी था । <span class="GRef"> महापुराण 16.143-152, 25.287, 29.40, 71.206, </span><span class="GRef"> पद्मपुराण 33.138,145 </span></p> | ||
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Revision as of 16:51, 14 November 2020
सिद्धांतकोष से
मालवा नरेश थे। प्रद्योत आपका अपर नाम था। अवंती या उज्जैनी राजधानी थी। आप प्रसिद्ध राज पालकके पिता थे जो वीर निर्वाणके समय राज्य करते थे। तदनुसार आपका समय वी. नि. पू. 33-0 (ई.पू.560-670) आता है - देखें इतिहास - 3.4।
( हरिवंश पुराण सर्ग 60/488); ( कषायपाहुड़ पुस्तक 1/प्र.51/पं. महेंद्र कुमार)
पुराणकोष से
एक विषय (देश) । इस देश को रचना इंद्र ने की थी । विहार करते हुए वृषभदेव यहाँ आये थे । भरतेश के सेनापति ने इस देश को अपने अधीन किया था । इसका दूसरा नाम उज्जयिनी था । महापुराण 16.143-152, 25.287, 29.40, 71.206, पद्मपुराण 33.138,145