अष्टगुण: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> सिद्ध के आठ गुण - अनंत सम्यक्त्व, अनंत दर्शन, अनंतज्ञान, अनंत और अद्भुत वीर्य, अवगाहनत्व, सूक्ष्मत्च, अगुरुलघुत्व और अव्याबाधत्व । <span class="GRef"> महापुराण 20.223, 48.52, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 2.109 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> सिद्ध के आठ गुण - अनंत सम्यक्त्व, अनंत दर्शन, अनंतज्ञान, अनंत और अद्भुत वीर्य, अवगाहनत्व, सूक्ष्मत्च, अगुरुलघुत्व और अव्याबाधत्व । <span class="GRef"> महापुराण 20.223, 48.52, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 2.109 </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> |
Revision as of 16:51, 14 November 2020
सिद्ध के आठ गुण - अनंत सम्यक्त्व, अनंत दर्शन, अनंतज्ञान, अनंत और अद्भुत वीर्य, अवगाहनत्व, सूक्ष्मत्च, अगुरुलघुत्व और अव्याबाधत्व । महापुराण 20.223, 48.52, हरिवंशपुराण 2.109