उज्जयिनी: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> शिप्रा के तट पर स्थित मालव जनपद के अंतर्गत एक नगरी । <span class="GRef"> महापुराण 16.153, 29.47, 63 </span>राजा श्रीधर्मा के बलि, बृहस्पति आदि मंत्रियों का मृतसागर मुनि से यही विवाद हुआ था और वे देवों दारा यहीं कीले गये थे तथा इस नगर से उन्हें निकाल भी दिया गया था । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 20.3-11 </span>भोगों और शरीर से उदासीन लोगों का यहाँ निवास था । अपरनाम अवंति । लक्ष्मण को पति रूप में पाने का जिन कन्याओं को सौभाग्य प्राप्त हुआ था उनमें इस नगर की भी एक कन्या थी । <span class="GRef"> पद्मपुराण 33. 138,145, 80.113, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 60.105 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> शिप्रा के तट पर स्थित मालव जनपद के अंतर्गत एक नगरी । <span class="GRef"> महापुराण 16.153, 29.47, 63 </span>राजा श्रीधर्मा के बलि, बृहस्पति आदि मंत्रियों का मृतसागर मुनि से यही विवाद हुआ था और वे देवों दारा यहीं कीले गये थे तथा इस नगर से उन्हें निकाल भी दिया गया था । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 20.3-11 </span>भोगों और शरीर से उदासीन लोगों का यहाँ निवास था । अपरनाम अवंति । लक्ष्मण को पति रूप में पाने का जिन कन्याओं को सौभाग्य प्राप्त हुआ था उनमें इस नगर की भी एक कन्या थी । <span class="GRef"> पद्मपुराण 33. 138,145, 80.113, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 60.105 </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> |
Revision as of 16:52, 14 November 2020
शिप्रा के तट पर स्थित मालव जनपद के अंतर्गत एक नगरी । महापुराण 16.153, 29.47, 63 राजा श्रीधर्मा के बलि, बृहस्पति आदि मंत्रियों का मृतसागर मुनि से यही विवाद हुआ था और वे देवों दारा यहीं कीले गये थे तथा इस नगर से उन्हें निकाल भी दिया गया था । हरिवंशपुराण 20.3-11 भोगों और शरीर से उदासीन लोगों का यहाँ निवास था । अपरनाम अवंति । लक्ष्मण को पति रूप में पाने का जिन कन्याओं को सौभाग्य प्राप्त हुआ था उनमें इस नगर की भी एक कन्या थी । पद्मपुराण 33. 138,145, 80.113, हरिवंशपुराण 60.105