उपस्थापना: Difference between revisions
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<p> प्रायश्चित्त का एक भेद । इसमें संघ से निष्कासित मुनि को पुन: दीक्षा दी जाती है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 64.37 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> प्रायश्चित्त का एक भेद । इसमें संघ से निष्कासित मुनि को पुन: दीक्षा दी जाती है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 64.37 </span></p> | ||
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Revision as of 16:52, 14 November 2020
सिद्धांतकोष से
1. छेदोपस्थापना चारित्र-देखें छेदोपस्थापना ; 2. उपस्थापना प्रायश्चित्त-देखें प्रायश्चित्त ।
पुराणकोष से
प्रायश्चित्त का एक भेद । इसमें संघ से निष्कासित मुनि को पुन: दीक्षा दी जाती है । हरिवंशपुराण 64.37