गोलाचार्य: Difference between revisions
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<p class="HindiText">नन्दिसंघ देशीयगण की गुर्वावली के अनुसार आप देशीय गण के अग्रणी थे। गोलव देश के अधिपति होने के कारण आपका नाम गोलाचार्य प्रसिद्ध हुआ। आप त्रैकाल्य-योगी के गुरु और आविद्धकरण-पद्मनन्दि-कौमारदेव-सैद्धान्तिक के दादा गुरु थे। | <p class="HindiText">नन्दिसंघ देशीयगण की गुर्वावली के अनुसार आप देशीय गण के अग्रणी थे। गोलव देश के अधिपति होने के कारण आपका नाम गोलाचार्य प्रसिद्ध हुआ। आप त्रैकाल्य-योगी के गुरु और आविद्धकरण-पद्मनन्दि-कौमारदेव-सैद्धान्तिक के दादा गुरु थे। समय–वि.९५७-९७७ (ई.९००-९२०)।– देखें - [[ इतिहास#7.5 | इतिहास / ७ / ५ ]]।</p> | ||
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Revision as of 12:49, 14 March 2013
नन्दिसंघ देशीयगण की गुर्वावली के अनुसार आप देशीय गण के अग्रणी थे। गोलव देश के अधिपति होने के कारण आपका नाम गोलाचार्य प्रसिद्ध हुआ। आप त्रैकाल्य-योगी के गुरु और आविद्धकरण-पद्मनन्दि-कौमारदेव-सैद्धान्तिक के दादा गुरु थे। समय–वि.९५७-९७७ (ई.९००-९२०)।– देखें - इतिहास / ७ / ५ ।
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