कमलोत्सवा: Difference between revisions
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<p> सिद्धार्थ नगर के राजा क्षेमंकर और उसकी रानी विमला की पुत्री और देशभूषण तथा कुल-भूषण की बहिन । परिचय के अभाव में इसके दोनों भाई इस पर कामासक्त हो गये थे, किंतु बाद में बंदी से यह ज्ञातकर कि यह उनकी बहिन है वे दोनों परम वैराग्य को प्राप्त होकर दीक्षित हो गये थे । तपस्या से उन्होंने आकाशगामिनी ऋद्धि प्राप्त की क्षौर अनेक क्षेत्रों में उन्होने विहार किया । <span class="GRef"> पद्मपुराण 39.1585175 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> सिद्धार्थ नगर के राजा क्षेमंकर और उसकी रानी विमला की पुत्री और देशभूषण तथा कुल-भूषण की बहिन । परिचय के अभाव में इसके दोनों भाई इस पर कामासक्त हो गये थे, किंतु बाद में बंदी से यह ज्ञातकर कि यह उनकी बहिन है वे दोनों परम वैराग्य को प्राप्त होकर दीक्षित हो गये थे । तपस्या से उन्होंने आकाशगामिनी ऋद्धि प्राप्त की क्षौर अनेक क्षेत्रों में उन्होने विहार किया । <span class="GRef"> पद्मपुराण 39.1585175 </span></p> | ||
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Revision as of 16:52, 14 November 2020
सिद्धार्थ नगर के राजा क्षेमंकर और उसकी रानी विमला की पुत्री और देशभूषण तथा कुल-भूषण की बहिन । परिचय के अभाव में इसके दोनों भाई इस पर कामासक्त हो गये थे, किंतु बाद में बंदी से यह ज्ञातकर कि यह उनकी बहिन है वे दोनों परम वैराग्य को प्राप्त होकर दीक्षित हो गये थे । तपस्या से उन्होंने आकाशगामिनी ऋद्धि प्राप्त की क्षौर अनेक क्षेत्रों में उन्होने विहार किया । पद्मपुराण 39.1585175