काशी: Difference between revisions
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भरतक्षेत्र मध्य आर्य खंड का एक देश–देखें [[ मनुष्य#4 | मनुष्य - 4]]। | भरतक्षेत्र मध्य आर्य खंड का एक देश–देखें [[ मनुष्य#4 | मनुष्य - 4]]। | ||
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== पुराणकोष से == | == पुराणकोष से == | ||
<p> तीर्थंकर वृषभदेव के समय में इंद्र द्वारा निर्मित वाराणसी का पार्श्ववर्ती एक देश । यह वृषभदेव एवं महावीर की विहारभूमि था । <span class="GRef"> महापुराण 16.151-912, 25, 287, 29.40, 47, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 3.3, 11. 64, </span>यह तीर्थंकर सुपार्श्व की भी जन्मभूमि थी । वाराणसी नगरी इसी देश की राजधानी थी । अकंपन भी यहाँ का राजा था । <span class="GRef"> महापुराण 43. 121, 124,44.90, </span><span class="GRef"> पद्मपुराण 20. 43, </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 3.19-20 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> तीर्थंकर वृषभदेव के समय में इंद्र द्वारा निर्मित वाराणसी का पार्श्ववर्ती एक देश । यह वृषभदेव एवं महावीर की विहारभूमि था । <span class="GRef"> महापुराण 16.151-912, 25, 287, 29.40, 47, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 3.3, 11. 64, </span>यह तीर्थंकर सुपार्श्व की भी जन्मभूमि थी । वाराणसी नगरी इसी देश की राजधानी थी । अकंपन भी यहाँ का राजा था । <span class="GRef"> महापुराण 43. 121, 124,44.90, </span><span class="GRef"> पद्मपुराण 20. 43, </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 3.19-20 </span></p> | ||
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Revision as of 16:53, 14 November 2020
सिद्धांतकोष से
भरतक्षेत्र मध्य आर्य खंड का एक देश–देखें मनुष्य - 4।
पुराणकोष से
तीर्थंकर वृषभदेव के समय में इंद्र द्वारा निर्मित वाराणसी का पार्श्ववर्ती एक देश । यह वृषभदेव एवं महावीर की विहारभूमि था । महापुराण 16.151-912, 25, 287, 29.40, 47, हरिवंशपुराण 3.3, 11. 64, यह तीर्थंकर सुपार्श्व की भी जन्मभूमि थी । वाराणसी नगरी इसी देश की राजधानी थी । अकंपन भी यहाँ का राजा था । महापुराण 43. 121, 124,44.90, पद्मपुराण 20. 43, पांडवपुराण 3.19-20