कैटभ: Difference between revisions
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<span class="GRef"> महापुराण/ </span>सर्ग/श्लोक अयोध्या नगरी में हेमनाभ राजा का पुत्र तथा मधु का छोटा भाई था (160) अंत में दीक्षा धारण कर (202) घोर तपश्चरण पूर्वक अच्युत स्वर्ग में इंद्र हुआ (216)। यह कृष्ण के पुत्र ‘शंब’ का पूर्व का तीसरा भव है—देखें [[ शंब ]]। | <span class="GRef"> महापुराण/ </span>सर्ग/श्लोक अयोध्या नगरी में हेमनाभ राजा का पुत्र तथा मधु का छोटा भाई था (160) अंत में दीक्षा धारण कर (202) घोर तपश्चरण पूर्वक अच्युत स्वर्ग में इंद्र हुआ (216)। यह कृष्ण के पुत्र ‘शंब’ का पूर्व का तीसरा भव है—देखें [[ शंब ]]। | ||
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<p> अयोध्या नगरी के राजा हेमनाभ और उसकी रानी अमरावती का द्वितीय पुत्र और मधु का अनुज । ऐश्वर्य को चंचल जानकर यह मुनि हो गया था । आयु के अंत में मरकर अच्युत स्वर्ग में उत्पन्न हुआ और वहाँ से च्युत होकर द्वारिका में कृष्ण की रानी धरावती शांब नाम का पुत्र हुआ । <span class="GRef"> पद्मपुराण 109.130-132, 168, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 43.159 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> अयोध्या नगरी के राजा हेमनाभ और उसकी रानी अमरावती का द्वितीय पुत्र और मधु का अनुज । ऐश्वर्य को चंचल जानकर यह मुनि हो गया था । आयु के अंत में मरकर अच्युत स्वर्ग में उत्पन्न हुआ और वहाँ से च्युत होकर द्वारिका में कृष्ण की रानी धरावती शांब नाम का पुत्र हुआ । <span class="GRef"> पद्मपुराण 109.130-132, 168, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 43.159 </span></p> | ||
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Revision as of 16:53, 14 November 2020
सिद्धांतकोष से
महापुराण/ सर्ग/श्लोक अयोध्या नगरी में हेमनाभ राजा का पुत्र तथा मधु का छोटा भाई था (160) अंत में दीक्षा धारण कर (202) घोर तपश्चरण पूर्वक अच्युत स्वर्ग में इंद्र हुआ (216)। यह कृष्ण के पुत्र ‘शंब’ का पूर्व का तीसरा भव है—देखें शंब ।
पुराणकोष से
अयोध्या नगरी के राजा हेमनाभ और उसकी रानी अमरावती का द्वितीय पुत्र और मधु का अनुज । ऐश्वर्य को चंचल जानकर यह मुनि हो गया था । आयु के अंत में मरकर अच्युत स्वर्ग में उत्पन्न हुआ और वहाँ से च्युत होकर द्वारिका में कृष्ण की रानी धरावती शांब नाम का पुत्र हुआ । पद्मपुराण 109.130-132, 168, हरिवंशपुराण 43.159