कोशातकी: Difference between revisions
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<p> एक फल-कड़वी तूंबी । अमृतरसायन नामक रसोइया ने द्वेष वश इसी फल को खिलाकर सुधर्म मुनिराज को मार डाला था । <span class="GRef"> महापुराण 71.270-275 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> एक फल-कड़वी तूंबी । अमृतरसायन नामक रसोइया ने द्वेष वश इसी फल को खिलाकर सुधर्म मुनिराज को मार डाला था । <span class="GRef"> महापुराण 71.270-275 </span></p> | ||
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Revision as of 16:53, 14 November 2020
एक फल-कड़वी तूंबी । अमृतरसायन नामक रसोइया ने द्वेष वश इसी फल को खिलाकर सुधर्म मुनिराज को मार डाला था । महापुराण 71.270-275