क्षायिक चारित्र: Difference between revisions
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<p> नौ क्षायिक शुद्धियों में चतुर्थ क्षायिक-शुद्धि । यह चारित्रमोहनीय कर्म के पूर्ण क्षय से उत्पन्न होती है । <span class="GRef"> महापुराण 24.56, 62, 317 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> नौ क्षायिक शुद्धियों में चतुर्थ क्षायिक-शुद्धि । यह चारित्रमोहनीय कर्म के पूर्ण क्षय से उत्पन्न होती है । <span class="GRef"> महापुराण 24.56, 62, 317 </span></p> | ||
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Revision as of 16:53, 14 November 2020
सिद्धांतकोष से
देखें चारित्र - 1।
पुराणकोष से
नौ क्षायिक शुद्धियों में चतुर्थ क्षायिक-शुद्धि । यह चारित्रमोहनीय कर्म के पूर्ण क्षय से उत्पन्न होती है । महापुराण 24.56, 62, 317