गर्दतोय: Difference between revisions
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<p> आठ प्रकार के लौकांतिक देवों में पाँचवें प्रकार के लौकांतिक देव । ये ब्रह्मलोक निवासी, पूर्वभव में संपूर्ण श्रुतज्ञान के अभ्यासी और महाऋद्धिधारी होते हैं । <span class="GRef"> महापुराण 17.47-50, </span><span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 12. 2-8 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> आठ प्रकार के लौकांतिक देवों में पाँचवें प्रकार के लौकांतिक देव । ये ब्रह्मलोक निवासी, पूर्वभव में संपूर्ण श्रुतज्ञान के अभ्यासी और महाऋद्धिधारी होते हैं । <span class="GRef"> महापुराण 17.47-50, </span><span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 12. 2-8 </span></p> | ||
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Revision as of 16:53, 14 November 2020
आठ प्रकार के लौकांतिक देवों में पाँचवें प्रकार के लौकांतिक देव । ये ब्रह्मलोक निवासी, पूर्वभव में संपूर्ण श्रुतज्ञान के अभ्यासी और महाऋद्धिधारी होते हैं । महापुराण 17.47-50, वीरवर्द्धमान चरित्र 12. 2-8