गर्भाधानोत्सव: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p>गर्भावतरण-उत्सव । तीर्थंकरों के गर्भावतार के समय आयोजित इस उत्सव में देव हर्षित हो जाते हैं । जन्म के छ: माह पूर्व से तीर्थंकरों के पितृगेह में कुबेर रत्नवृष्टि करता है । जल से पृथ्वी क सिंचन किया जाता है । <span class="GRef"> महापुराण 12. 84, 98-100 </span></p> | <div class="HindiText"> <p>गर्भावतरण-उत्सव । तीर्थंकरों के गर्भावतार के समय आयोजित इस उत्सव में देव हर्षित हो जाते हैं । जन्म के छ: माह पूर्व से तीर्थंकरों के पितृगेह में कुबेर रत्नवृष्टि करता है । जल से पृथ्वी क सिंचन किया जाता है । <span class="GRef"> महापुराण 12. 84, 98-100 </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> |
Revision as of 16:53, 14 November 2020
गर्भावतरण-उत्सव । तीर्थंकरों के गर्भावतार के समय आयोजित इस उत्सव में देव हर्षित हो जाते हैं । जन्म के छ: माह पूर्व से तीर्थंकरों के पितृगेह में कुबेर रत्नवृष्टि करता है । जल से पृथ्वी क सिंचन किया जाता है । महापुराण 12. 84, 98-100