चक्रक: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
== सिद्धांतकोष से == | | ||
== सिद्धांतकोष से == | |||
वादी का बात करते हुए पुन:-पुन: घूमकर वहीं आ जाना चक्रक दोष है: (श्लो.वा/4/न्या.459/555)। | वादी का बात करते हुए पुन:-पुन: घूमकर वहीं आ जाना चक्रक दोष है: (श्लो.वा/4/न्या.459/555)। | ||
Line 12: | Line 13: | ||
== पुराणकोष से == | == पुराणकोष से == | ||
<p> माहेंद्र स्वर्ग का एक विमान । <span class="GRef"> महापुराण 62.78 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> माहेंद्र स्वर्ग का एक विमान । <span class="GRef"> महापुराण 62.78 </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> |
Revision as of 16:53, 14 November 2020
सिद्धांतकोष से
वादी का बात करते हुए पुन:-पुन: घूमकर वहीं आ जाना चक्रक दोष है: (श्लो.वा/4/न्या.459/555)।
पुराणकोष से
माहेंद्र स्वर्ग का एक विमान । महापुराण 62.78