चतुर्थ शुक्लध्यान: Difference between revisions
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<p> शुक्लध्यान के चार भेदों में चौथा भेद― व्युपरतक्रिया-नियति । योग केवली गुणस्थान में योगों का पूर्ण निरोध हो जाना-मुक्त अवस्था को पा लेना । <span class="GRef"> महापुराण 63.498 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> शुक्लध्यान के चार भेदों में चौथा भेद― व्युपरतक्रिया-नियति । योग केवली गुणस्थान में योगों का पूर्ण निरोध हो जाना-मुक्त अवस्था को पा लेना । <span class="GRef"> महापुराण 63.498 </span></p> | ||
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Revision as of 16:53, 14 November 2020
शुक्लध्यान के चार भेदों में चौथा भेद― व्युपरतक्रिया-नियति । योग केवली गुणस्थान में योगों का पूर्ण निरोध हो जाना-मुक्त अवस्था को पा लेना । महापुराण 63.498