चारित्र शुद्धि: Difference between revisions
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<p> एक व्रत । इसमें तेरह प्रकार के चारित्र की शुद्धि के किए निम्न प्रकार से उपवास करने की व्यवस्था है― अहिंसा महाव्रत—126 उपवास, सत्य महाव्रत 72 उपवास, अचौर्य महाव्रत 72 उपवास, ब्रह्मचर्य महाव्रत 180 उपवास, अपरिग्रह महाव्रत 216 उपवास, रात्रिभोजन त्याग 10 उपवास, गुप्ति महाव्रत 27 उपवास, समिति महाव्रत 531 उपवास, इस प्रकार इस व्रत ने 1234 उपवास और उतनी ही पारणाएं की जाती है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 34.100-109 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> एक व्रत । इसमें तेरह प्रकार के चारित्र की शुद्धि के किए निम्न प्रकार से उपवास करने की व्यवस्था है― अहिंसा महाव्रत—126 उपवास, सत्य महाव्रत 72 उपवास, अचौर्य महाव्रत 72 उपवास, ब्रह्मचर्य महाव्रत 180 उपवास, अपरिग्रह महाव्रत 216 उपवास, रात्रिभोजन त्याग 10 उपवास, गुप्ति महाव्रत 27 उपवास, समिति महाव्रत 531 उपवास, इस प्रकार इस व्रत ने 1234 उपवास और उतनी ही पारणाएं की जाती है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 34.100-109 </span></p> | ||
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Revision as of 16:53, 14 November 2020
सिद्धांतकोष से
देखें शुद्धि ।
पुराणकोष से
एक व्रत । इसमें तेरह प्रकार के चारित्र की शुद्धि के किए निम्न प्रकार से उपवास करने की व्यवस्था है― अहिंसा महाव्रत—126 उपवास, सत्य महाव्रत 72 उपवास, अचौर्य महाव्रत 72 उपवास, ब्रह्मचर्य महाव्रत 180 उपवास, अपरिग्रह महाव्रत 216 उपवास, रात्रिभोजन त्याग 10 उपवास, गुप्ति महाव्रत 27 उपवास, समिति महाव्रत 531 उपवास, इस प्रकार इस व्रत ने 1234 उपवास और उतनी ही पारणाएं की जाती है । हरिवंशपुराण 34.100-109