चित्रकर्म: Difference between revisions
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<p> चित्रकला । इसके हो प्रकार थे । रेखाचित्र और वर्णचित्र । इसमें तीनों आयाम-लंबाई, चौड़ाई और ऊंचाई दिखाये जाते थे । श्रीमती का चित्र इसी प्रकार का था । इसमें हाव, भाव का प्रदर्शन भी बड़ा हृदयहारी था । <span class="GRef"> महापुराण 7.108-120 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> चित्रकला । इसके हो प्रकार थे । रेखाचित्र और वर्णचित्र । इसमें तीनों आयाम-लंबाई, चौड़ाई और ऊंचाई दिखाये जाते थे । श्रीमती का चित्र इसी प्रकार का था । इसमें हाव, भाव का प्रदर्शन भी बड़ा हृदयहारी था । <span class="GRef"> महापुराण 7.108-120 </span></p> | ||
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Revision as of 16:53, 14 November 2020
सिद्धांतकोष से
देखें निक्षेप - 4।
पुराणकोष से
चित्रकला । इसके हो प्रकार थे । रेखाचित्र और वर्णचित्र । इसमें तीनों आयाम-लंबाई, चौड़ाई और ऊंचाई दिखाये जाते थे । श्रीमती का चित्र इसी प्रकार का था । इसमें हाव, भाव का प्रदर्शन भी बड़ा हृदयहारी था । महापुराण 7.108-120