चिंतामणि: Difference between revisions
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<p id="1"> (1) इष्ट वस्तुओं का पूरक एक-एक रत्न । यह चक्रवर्ती की विभूति को सूचित करता है । <span class="GRef"> महापुराण 2.34 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1"> (1) इष्ट वस्तुओं का पूरक एक-एक रत्न । यह चक्रवर्ती की विभूति को सूचित करता है । <span class="GRef"> महापुराण 2.34 </span></p> | ||
<p id="3">(3) सौधर्मेंद्र द्वारा स्तुत वृषभदेव का एक नाम । <span class="GRef"> महापुराण 25-168 </span></p> | <p id="3">(3) सौधर्मेंद्र द्वारा स्तुत वृषभदेव का एक नाम । <span class="GRef"> महापुराण 25-168 </span></p> | ||
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Revision as of 16:53, 14 November 2020
(1) इष्ट वस्तुओं का पूरक एक-एक रत्न । यह चक्रवर्ती की विभूति को सूचित करता है । महापुराण 2.34
(3) सौधर्मेंद्र द्वारा स्तुत वृषभदेव का एक नाम । महापुराण 25-168