चंद्रसेन: Difference between revisions
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पंचस्तूप संघ की गुर्वावली के अनुसार आप आर्यनंदि के गुरु थे। समय–ई.742-773। (आ.अनु/प्र.8/A.N.Up); (<span class="GRef"> सिद्धि विनिश्चय/ </span>प्र./42 पं.महेंद्र); (और भी देखें [[ इतिहास#7.7 | इतिहास - 7.7]])। | पंचस्तूप संघ की गुर्वावली के अनुसार आप आर्यनंदि के गुरु थे। समय–ई.742-773। (आ.अनु/प्र.8/A.N.Up); (<span class="GRef"> सिद्धि विनिश्चय/ </span>प्र./42 पं.महेंद्र); (और भी देखें [[ इतिहास#7.7 | इतिहास - 7.7]])। | ||
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<p> इस नाम के एक गुरु (मुनि) । इनसे चंद्रकीर्ति ने दीक्षा ली थी । चंद्रकीर्ति का जीव ही सभ्राट् वज्रदंत हुआ । <span class="GRef"> महापुराण 7.10 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> इस नाम के एक गुरु (मुनि) । इनसे चंद्रकीर्ति ने दीक्षा ली थी । चंद्रकीर्ति का जीव ही सभ्राट् वज्रदंत हुआ । <span class="GRef"> महापुराण 7.10 </span></p> | ||
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Revision as of 16:53, 14 November 2020
सिद्धांतकोष से
पंचस्तूप संघ की गुर्वावली के अनुसार आप आर्यनंदि के गुरु थे। समय–ई.742-773। (आ.अनु/प्र.8/A.N.Up); ( सिद्धि विनिश्चय/ प्र./42 पं.महेंद्र); (और भी देखें इतिहास - 7.7)।
पुराणकोष से
इस नाम के एक गुरु (मुनि) । इनसे चंद्रकीर्ति ने दीक्षा ली थी । चंद्रकीर्ति का जीव ही सभ्राट् वज्रदंत हुआ । महापुराण 7.10