जिनमति: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> एक आर्यिका । इससे कौशांबी के सेठ सुभद्र की पुत्री धर्मवती ने जिनगुण तप लेकर उपवास किये थे । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 60.101-102 </span>अपरनाम जिनमतिक्षांति । <span class="GRef"> महापुराण 71.437-438 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> एक आर्यिका । इससे कौशांबी के सेठ सुभद्र की पुत्री धर्मवती ने जिनगुण तप लेकर उपवास किये थे । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 60.101-102 </span>अपरनाम जिनमतिक्षांति । <span class="GRef"> महापुराण 71.437-438 </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> |
Revision as of 16:53, 14 November 2020
एक आर्यिका । इससे कौशांबी के सेठ सुभद्र की पुत्री धर्मवती ने जिनगुण तप लेकर उपवास किये थे । हरिवंशपुराण 60.101-102 अपरनाम जिनमतिक्षांति । महापुराण 71.437-438