तपाचार: Difference between revisions
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<p> पंचाचार में चतुर्थ आचार । इसमें बाह्य और आभ्यंतर दोनों प्रकार के तप किये जाते हैं । इससे संयम की रक्षा होती हैं । <span class="GRef"> महापुराण 20.173, </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 23.58 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> पंचाचार में चतुर्थ आचार । इसमें बाह्य और आभ्यंतर दोनों प्रकार के तप किये जाते हैं । इससे संयम की रक्षा होती हैं । <span class="GRef"> महापुराण 20.173, </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 23.58 </span></p> | ||
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Revision as of 16:54, 14 November 2020
सिद्धांतकोष से
देखें आचार ।
पुराणकोष से
पंचाचार में चतुर्थ आचार । इसमें बाह्य और आभ्यंतर दोनों प्रकार के तप किये जाते हैं । इससे संयम की रक्षा होती हैं । महापुराण 20.173, पांडवपुराण 23.58