त्रिशिरम्: Difference between revisions
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<p id="1"> (1) खरदूषण का पक्षधर एक विद्याधर । <span class="GRef"> पद्मपुराण 45.86-87 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1"> (1) खरदूषण का पक्षधर एक विद्याधर । <span class="GRef"> पद्मपुराण 45.86-87 </span></p> | ||
<p id="2">(2) एक देश । लवणांकुश और मदनांकुश ने इस देश को जीता था । <span class="GRef"> पद्मपुराण 101. 82, 86 </span></p> | <p id="2">(2) एक देश । लवणांकुश और मदनांकुश ने इस देश को जीता था । <span class="GRef"> पद्मपुराण 101. 82, 86 </span></p> | ||
<p id="3">(3) कुंडलगिरि के वज्रकूट का निवासी एक देव । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5. 690 </span></p> | <p id="3">(3) कुंडलगिरि के वज्रकूट का निवासी एक देव । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5. 690 </span></p> | ||
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<p id="5">(5) जरासंध का पुत्र । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 52.37 </span></p> | <p id="5">(5) जरासंध का पुत्र । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 52.37 </span></p> | ||
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Revision as of 16:54, 14 November 2020
(1) खरदूषण का पक्षधर एक विद्याधर । पद्मपुराण 45.86-87
(2) एक देश । लवणांकुश और मदनांकुश ने इस देश को जीता था । पद्मपुराण 101. 82, 86
(3) कुंडलगिरि के वज्रकूट का निवासी एक देव । हरिवंशपुराण 5. 690
(4) रूचक्र पर्वत के स्वयंप्रभकूट की एक देवी । हरिवंशपुराण 5.720
(5) जरासंध का पुत्र । हरिवंशपुराण 52.37