दीर्घह्रस्व: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> अग्रायणीय पूर्व की पंचमवस्तु के कर्म प्रकृति नामक चौथे प्राभृत (पाहुड) का सत्रहवाँ योगद्धार । हपृ0 10.84 देखें [[ अग्रायणीयपूर्व ]]</p> | <div class="HindiText"> <p> अग्रायणीय पूर्व की पंचमवस्तु के कर्म प्रकृति नामक चौथे प्राभृत (पाहुड) का सत्रहवाँ योगद्धार । हपृ0 10.84 देखें [[ अग्रायणीयपूर्व ]]</p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> |
Revision as of 16:54, 14 November 2020
अग्रायणीय पूर्व की पंचमवस्तु के कर्म प्रकृति नामक चौथे प्राभृत (पाहुड) का सत्रहवाँ योगद्धार । हपृ0 10.84 देखें अग्रायणीयपूर्व