धर्मतीर्थ: Difference between revisions
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धर्मतीर्थ की उत्पत्ति‒देखें [[ महावीर#2 | महावीर - 2]]। | धर्मतीर्थ की उत्पत्ति‒देखें [[ महावीर#2 | महावीर - 2]]। | ||
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<p> धर्म की आम्नाय । जिनेंद्र के द्वारा मर्म के प्रतिपादन से लोक के अज्ञान का निरास हुआ । वही तीर्थ जनता की मुक्ति का साधन बना । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 3.1 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> धर्म की आम्नाय । जिनेंद्र के द्वारा मर्म के प्रतिपादन से लोक के अज्ञान का निरास हुआ । वही तीर्थ जनता की मुक्ति का साधन बना । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 3.1 </span></p> | ||
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Revision as of 16:54, 14 November 2020
सिद्धांतकोष से
धर्मतीर्थ की उत्पत्ति‒देखें महावीर - 2।
पुराणकोष से
धर्म की आम्नाय । जिनेंद्र के द्वारा मर्म के प्रतिपादन से लोक के अज्ञान का निरास हुआ । वही तीर्थ जनता की मुक्ति का साधन बना । हरिवंशपुराण 3.1