धृतिकर: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p id="1">(1) कुरुवंशी राजा शुभंकर का पुत्र । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 45-9 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1">(1) कुरुवंशी राजा शुभंकर का पुत्र । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 45-9 </span></p> | ||
<p id="2">(2) शुभंकर के पुत्र के अनेक सागर काल के पश्चात् हुए राजा धृतिदेव के बाद का एक कुरुवंशी नृप । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 45.10-11 </span></p> | <p id="2">(2) शुभंकर के पुत्र के अनेक सागर काल के पश्चात् हुए राजा धृतिदेव के बाद का एक कुरुवंशी नृप । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 45.10-11 </span></p> | ||
<p id="3">(3) कुरुवंशी राजा प्रीतिकर के पूर्व और धृतिद्युति के बाद हुआ एक नृप । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 45.13 </span></p> | <p id="3">(3) कुरुवंशी राजा प्रीतिकर के पूर्व और धृतिद्युति के बाद हुआ एक नृप । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 45.13 </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> |
Revision as of 16:54, 14 November 2020
(1) कुरुवंशी राजा शुभंकर का पुत्र । हरिवंशपुराण 45-9
(2) शुभंकर के पुत्र के अनेक सागर काल के पश्चात् हुए राजा धृतिदेव के बाद का एक कुरुवंशी नृप । हरिवंशपुराण 45.10-11
(3) कुरुवंशी राजा प्रीतिकर के पूर्व और धृतिद्युति के बाद हुआ एक नृप । हरिवंशपुराण 45.13