नि:कृतिवाक्य: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> सत्यप्रवाद नामक छठे पूर्व में वर्णित बारह प्रकार की भाषा का आठवाँ भेद यह ऐसी भाषा है जिससे दूसरों को प्रवंचित किया जाता है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 10. 95 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> सत्यप्रवाद नामक छठे पूर्व में वर्णित बारह प्रकार की भाषा का आठवाँ भेद यह ऐसी भाषा है जिससे दूसरों को प्रवंचित किया जाता है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 10. 95 </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> |
Revision as of 16:54, 14 November 2020
सत्यप्रवाद नामक छठे पूर्व में वर्णित बारह प्रकार की भाषा का आठवाँ भेद यह ऐसी भाषा है जिससे दूसरों को प्रवंचित किया जाता है । हरिवंशपुराण 10. 95