पुमान्: Difference between revisions
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<p id="1">(1) भरतेश और सौधर्मेंद्र द्वारा स्तुत वृषभदेव का एक नाम । <span class="GRef"> महापुराण 24.31, 25.142 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1">(1) भरतेश और सौधर्मेंद्र द्वारा स्तुत वृषभदेव का एक नाम । <span class="GRef"> महापुराण 24.31, 25.142 </span></p> | ||
<p id="2">(2) जीव का पर्यायवाची शब्द । अच्छे-अच्छे भोगों में शयन करने से यह पुरुष कहलाता है । यह अपने पौरुष से अपने कुल और जन्म को पवित्र करता है । गुणहीन केवल नाम से ही पुरुष होते हैं वे चित्रांकित वा तृण अथवा काष्ठ आदि से निर्मित पुरुष सदृश होते हैं । <span class="GRef"> महापुराण 24.103, 106,28.130-131 </span></p> | <p id="2">(2) जीव का पर्यायवाची शब्द । अच्छे-अच्छे भोगों में शयन करने से यह पुरुष कहलाता है । यह अपने पौरुष से अपने कुल और जन्म को पवित्र करता है । गुणहीन केवल नाम से ही पुरुष होते हैं वे चित्रांकित वा तृण अथवा काष्ठ आदि से निर्मित पुरुष सदृश होते हैं । <span class="GRef"> महापुराण 24.103, 106,28.130-131 </span></p> | ||
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Revision as of 16:55, 14 November 2020
सिद्धांतकोष से
जीव को पुमान् कहने की विवक्षा - देखें जीव - 1.3।
पुराणकोष से
(1) भरतेश और सौधर्मेंद्र द्वारा स्तुत वृषभदेव का एक नाम । महापुराण 24.31, 25.142
(2) जीव का पर्यायवाची शब्द । अच्छे-अच्छे भोगों में शयन करने से यह पुरुष कहलाता है । यह अपने पौरुष से अपने कुल और जन्म को पवित्र करता है । गुणहीन केवल नाम से ही पुरुष होते हैं वे चित्रांकित वा तृण अथवा काष्ठ आदि से निर्मित पुरुष सदृश होते हैं । महापुराण 24.103, 106,28.130-131