पूतिका: Difference between revisions
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<p> मंदिर ग्राम के निवासी विपद धीवर और उसकी पत्नी मंडूकी की पुत्री । माता द्वारा त्यागे जाने पर समाधिगुप्त नामक मुनिराज द्वारा दिये गये उपदेश को ग्रहण करके इसने सल्लेखनापूर्वक मरण किया और अच्युत स्वरों में अच्युतेंद्र को गगनवल्लभा नाम की महादेवी हुई । इसका दूसरा नाम पूतिगंधिका था । <span class="GRef"> महापुराण 71. 338-340, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 60. 33-38 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> मंदिर ग्राम के निवासी विपद धीवर और उसकी पत्नी मंडूकी की पुत्री । माता द्वारा त्यागे जाने पर समाधिगुप्त नामक मुनिराज द्वारा दिये गये उपदेश को ग्रहण करके इसने सल्लेखनापूर्वक मरण किया और अच्युत स्वरों में अच्युतेंद्र को गगनवल्लभा नाम की महादेवी हुई । इसका दूसरा नाम पूतिगंधिका था । <span class="GRef"> महापुराण 71. 338-340, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 60. 33-38 </span></p> | ||
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Revision as of 16:55, 14 November 2020
मंदिर ग्राम के निवासी विपद धीवर और उसकी पत्नी मंडूकी की पुत्री । माता द्वारा त्यागे जाने पर समाधिगुप्त नामक मुनिराज द्वारा दिये गये उपदेश को ग्रहण करके इसने सल्लेखनापूर्वक मरण किया और अच्युत स्वरों में अच्युतेंद्र को गगनवल्लभा नाम की महादेवी हुई । इसका दूसरा नाम पूतिगंधिका था । महापुराण 71. 338-340, हरिवंशपुराण 60. 33-38