पूर्णधन: Difference between revisions
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<p> भरतक्षेत्र में स्थित विजयार्ध की दक्षिणश्रेणी के चक्रवाल नगर का नृप इसके मेघवाहन नाम का पुत्र था । इसने विहायस्तिलक नगर के राजा सुलोचना से उसकी कन्या उत्पलमती की याचना की थी किंतु सुलोचना ने अपनी कन्या इसे न देकर निमित्तज्ञानी के संकेतानुसार सगर चक्रवर्ती को दी थी इससे क्रुद्ध होकर इसने राजा सुलोचन को युद्ध में मार काल था और यह स्वयं भी उसके पुत्र सहस्रनयन द्वारा मारा गया । <span class="GRef"> महापुराण 5.76-87 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> भरतक्षेत्र में स्थित विजयार्ध की दक्षिणश्रेणी के चक्रवाल नगर का नृप इसके मेघवाहन नाम का पुत्र था । इसने विहायस्तिलक नगर के राजा सुलोचना से उसकी कन्या उत्पलमती की याचना की थी किंतु सुलोचना ने अपनी कन्या इसे न देकर निमित्तज्ञानी के संकेतानुसार सगर चक्रवर्ती को दी थी इससे क्रुद्ध होकर इसने राजा सुलोचन को युद्ध में मार काल था और यह स्वयं भी उसके पुत्र सहस्रनयन द्वारा मारा गया । <span class="GRef"> महापुराण 5.76-87 </span></p> | ||
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Revision as of 16:55, 14 November 2020
भरतक्षेत्र में स्थित विजयार्ध की दक्षिणश्रेणी के चक्रवाल नगर का नृप इसके मेघवाहन नाम का पुत्र था । इसने विहायस्तिलक नगर के राजा सुलोचना से उसकी कन्या उत्पलमती की याचना की थी किंतु सुलोचना ने अपनी कन्या इसे न देकर निमित्तज्ञानी के संकेतानुसार सगर चक्रवर्ती को दी थी इससे क्रुद्ध होकर इसने राजा सुलोचन को युद्ध में मार काल था और यह स्वयं भी उसके पुत्र सहस्रनयन द्वारा मारा गया । महापुराण 5.76-87