भोज: Difference between revisions
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राजा भोज की वंशावली के अनुसार (देखें [[ इतिहास ]]) राजा मुंजके पुत्र व जयसिंह के पिता थे। मालवा देश (मगध) के राजा थे। धारा व उज्जैनी इनकी राजधानी थी। संस्कृत विद्या के आश्रयदाता थे। मुंजकी वंशावली के तथा प्रेमी जी के अनुसार इनका समय–वि. 1078-1112 ई.1021-1055; A.N. Up. के अनुसार वि. 1075-1117 ई. 1018-1060; पं. कैलाशचंद्र के अनुसार वि. 1075-1110 ई. 1018-1053; इतिहास के अनुसार ई. 1008-1055 विशेष (देखें [[ इतिहास ]]/3/1;7/8)। 2. योगदर्शन सूत्रों के भाष्यकार। समय ई.श. 10–देखें [[ योगदर्शन ]]। | राजा भोज की वंशावली के अनुसार (देखें [[ इतिहास ]]) राजा मुंजके पुत्र व जयसिंह के पिता थे। मालवा देश (मगध) के राजा थे। धारा व उज्जैनी इनकी राजधानी थी। संस्कृत विद्या के आश्रयदाता थे। मुंजकी वंशावली के तथा प्रेमी जी के अनुसार इनका समय–वि. 1078-1112 ई.1021-1055; A.N. Up. के अनुसार वि. 1075-1117 ई. 1018-1060; पं. कैलाशचंद्र के अनुसार वि. 1075-1110 ई. 1018-1053; इतिहास के अनुसार ई. 1008-1055 विशेष (देखें [[ इतिहास ]]/3/1;7/8)। 2. योगदर्शन सूत्रों के भाष्यकार। समय ई.श. 10–देखें [[ योगदर्शन ]]। | ||
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<p id="1">(1) वृषभदेव के समय का एक वंश । इस वंश के राजा न्यायपूर्वक प्रजा का पालन करने से भोज कहलाते थे । <span class="GRef"> महापुराण 1. 6 </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 9.44 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1">(1) वृषभदेव के समय का एक वंश । इस वंश के राजा न्यायपूर्वक प्रजा का पालन करने से भोज कहलाते थे । <span class="GRef"> महापुराण 1. 6 </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 9.44 </span></p> | ||
<p id="2">(2) भोजवंशी एक राजा । यह सीता के स्वयंवर में आया था । <span class="GRef"> पद्मपुराण 28.221 </span></p> | <p id="2">(2) भोजवंशी एक राजा । यह सीता के स्वयंवर में आया था । <span class="GRef"> पद्मपुराण 28.221 </span></p> | ||
<p id="3">(3) कृष्ण के पक्ष का एक नृप । यह महारथी था । इसके रथ में लाल रंग के घोड़े जोते जाते थे । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 52.15 </span></p> | <p id="3">(3) कृष्ण के पक्ष का एक नृप । यह महारथी था । इसके रथ में लाल रंग के घोड़े जोते जाते थे । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 52.15 </span></p> | ||
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Revision as of 16:56, 14 November 2020
सिद्धांतकोष से
राजा भोज की वंशावली के अनुसार (देखें इतिहास ) राजा मुंजके पुत्र व जयसिंह के पिता थे। मालवा देश (मगध) के राजा थे। धारा व उज्जैनी इनकी राजधानी थी। संस्कृत विद्या के आश्रयदाता थे। मुंजकी वंशावली के तथा प्रेमी जी के अनुसार इनका समय–वि. 1078-1112 ई.1021-1055; A.N. Up. के अनुसार वि. 1075-1117 ई. 1018-1060; पं. कैलाशचंद्र के अनुसार वि. 1075-1110 ई. 1018-1053; इतिहास के अनुसार ई. 1008-1055 विशेष (देखें इतिहास /3/1;7/8)। 2. योगदर्शन सूत्रों के भाष्यकार। समय ई.श. 10–देखें योगदर्शन ।
पुराणकोष से
(1) वृषभदेव के समय का एक वंश । इस वंश के राजा न्यायपूर्वक प्रजा का पालन करने से भोज कहलाते थे । महापुराण 1. 6 हरिवंशपुराण 9.44
(2) भोजवंशी एक राजा । यह सीता के स्वयंवर में आया था । पद्मपुराण 28.221
(3) कृष्ण के पक्ष का एक नृप । यह महारथी था । इसके रथ में लाल रंग के घोड़े जोते जाते थे । हरिवंशपुराण 52.15