मात्स्यन्याय: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> सबल पुरुषों द्वारा निर्बल पुरुषों का शोषण । राजा के अभाव में प्रजा इसी न्याय का आश्रय लेती है । <span class="GRef"> महापुराण 16.252 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> सबल पुरुषों द्वारा निर्बल पुरुषों का शोषण । राजा के अभाव में प्रजा इसी न्याय का आश्रय लेती है । <span class="GRef"> महापुराण 16.252 </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> |
Revision as of 16:56, 14 November 2020
सबल पुरुषों द्वारा निर्बल पुरुषों का शोषण । राजा के अभाव में प्रजा इसी न्याय का आश्रय लेती है । महापुराण 16.252