मार्ग सम्यक्त्व: Difference between revisions
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<p> सम्यक्त्व का दूसरा भेद । यह परिग्रह-रहित निश्चैल और पाणिपात्रत्व लक्षण वाले मोक्षमार्ग को सुनकर उसमें उत्पन्न श्रद्धा से होता है । <span class="GRef"> महापुराण 74.439-442, </span><span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 19. 144 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> सम्यक्त्व का दूसरा भेद । यह परिग्रह-रहित निश्चैल और पाणिपात्रत्व लक्षण वाले मोक्षमार्ग को सुनकर उसमें उत्पन्न श्रद्धा से होता है । <span class="GRef"> महापुराण 74.439-442, </span><span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 19. 144 </span></p> | ||
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Revision as of 16:56, 14 November 2020
सिद्धांतकोष से
देखें सम्यग्दर्शन - I.1।
पुराणकोष से
सम्यक्त्व का दूसरा भेद । यह परिग्रह-रहित निश्चैल और पाणिपात्रत्व लक्षण वाले मोक्षमार्ग को सुनकर उसमें उत्पन्न श्रद्धा से होता है । महापुराण 74.439-442, वीरवर्द्धमान चरित्र 19. 144