मित्रक: Difference between revisions
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पुन्नाटसंघ की गुर्वावली के अनुसार आप बलदेव के शिष्य तथा सिंहबल के गुरु थे–देखें [[ इतिहास#7.8 | इतिहास - 7.8]]। | पुन्नाटसंघ की गुर्वावली के अनुसार आप बलदेव के शिष्य तथा सिंहबल के गुरु थे–देखें [[ इतिहास#7.8 | इतिहास - 7.8]]। | ||
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== पुराणकोष से == | == पुराणकोष से == | ||
<p> आचारांग के धारी लोहाचार्य के पश्चात् हुए बलदेव आचार्य क बाद एक आचार्य । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 66.26 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> आचारांग के धारी लोहाचार्य के पश्चात् हुए बलदेव आचार्य क बाद एक आचार्य । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 66.26 </span></p> | ||
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Revision as of 16:56, 14 November 2020
सिद्धांतकोष से
पुन्नाटसंघ की गुर्वावली के अनुसार आप बलदेव के शिष्य तथा सिंहबल के गुरु थे–देखें इतिहास - 7.8।
पुराणकोष से
आचारांग के धारी लोहाचार्य के पश्चात् हुए बलदेव आचार्य क बाद एक आचार्य । हरिवंशपुराण 66.26